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खूबसूरत लम्हें वो यादों की,
खट्टी-मीठी सी सैतानी भरे वादों की।
वो मुस्कुराना भी गज़ब का था मासुमियत भरे निगाहों की।
नज़रों से कुछ छुपे न ,और लबों पर कुछ रुके न।
कितनी प्यारी-सी दुनिया वो यारों की,
वो खुबसूरत लम्हे यादों की।
यारी में सबसे लड़ जाना, और यारों की बुर
खट्टी-मीठी सी सैतानी भरे वादों की।
वो मुस्कुराना भी गज़ब का था मासुमियत भरे निगाहों की।
नज़रों से कुछ छुपे न ,और लबों पर कुछ रुके न।
कितनी प्यारी-सी दुनिया वो यारों की,
वो खुबसूरत लम्हे यादों की।
यारी में सबसे लड़ जाना, और यारों की बुर
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