भगत सिंह's image
Share0 Bookmarks 194 Reads1 Likes

भर के मुट्ठी में सातों जहां को,

निकल पड़े आंखों मे

आजादी का ख्वाब लिए।

हंसते हुए मिटे वतन के नाम पर,

जुबां पर अपने नारा इंकलाब लिए।

थे इरादे मजबूत इतने,

ये देश आज भी उनकी मिसाल देता हैं।

होती हैं बातें जब आजादी के मतवालों की,

उसमें भगत सिंह का भी एक नाम आता हैं।

"भगत सिंह जन्मजयंती विशेष रचना"


No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts