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     बलि की वेदी पर


मुस्कुराते हुये दिनकर जी बोले

अरी भागवान मुँह मीठा कराओ

सुनकर जिसे तुम चौंक उठोगी

आज ऐसी मैं बात सुनाऊँ

अपनी रूपवंती को देखने आज

एक सज्जन हैं रहे

इंजीनियर बेटे को अपने

साथ ही हैं वो ला रहें

साफ़ सफ़ाई कर तुम आज

घर का नक़्शा बदल दो

बाज़ार से मिठाई मँगवा लो

साथ दो-चार पकवान तल दो

कुलीन ख़ानदानी वह लड़का है

ठाट बाट सब तगड़ा है

लड़के ऐसे मुस्किल से मिलते

दिखे भाग्य बेटी के खिलते

घर पधार समधी जी बोले

साठ हज़ार तनख़्वाह बेटे की

साथ ऊपरी कमीशन है

बेटी आपकी पसंद हमें पर

साथ दो-चार कंडीशन हैं

कार टीवी एसी और

ज़रूरी सामान साथ दे दो

फ़र्निचर डाइनिंग सेट

बाज़ार से लगे हाथ ले लो

ध्यान रहे गहने वजनदार हो

और नगदी सीमा पार हो

बस एक डबल रूम चाहिए

उम्दा क्वालिटी का पतलून चाहिए

बस छोटी यही दो चार शर्तें

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