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आस्था
————————-
राह के जिस पत्थर को
मैंने अनदेखा किया
अगले मोड़ पर
पीपल के वृक्ष तले
वो प्रत्यक्ष रूप में
आराध्य बनकर
आलोकित था
-सुधीर बडोला
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आस्था
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राह के जिस पत्थर को
मैंने अनदेखा किया
अगले मोड़ पर
पीपल के वृक्ष तले
वो प्रत्यक्ष रूप में
आराध्य बनकर
आलोकित था
-सुधीर बडोला
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