मां's image
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मुझे जिसने रचा उस पर रचना , अपनी इतनी औकात नहीं
अर्पित करते श्रद्धांजलि हम , और बची कोई बात नहीं
कुछ शेष नहीं जब करूं याद , अपने मन में तुमको ऐ मां
मेरी याद का आदि और अंत तुम्हीं , तुमने ही रचा मेरा संसार ऐ मां
दुनिया की नज़र में बड़ा हूं मैं , पर तेरे लिए बच्चा ही था
जो प्यार लुटाया तुमने सदा , वो सब का सब सच्चा ही था
तुम याद सदा ही आती हो , कब भूला वो पल याद नहीं
जी भर के रो सकता भी नहीं , ये दर्द अभी तक गया नहीं
अपने बच्चों सा दुलार करे , वो नजर नहीं दिखती अब मां
वो कान पकड़ प्यारी झिड़की , अब भी याद आती है ऐ मां
दुनिया से दर्द छुपा अपना , गिला न कोई तुमने किया

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