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किस्मत के भरोसे जो जिया करते हैं।
गम और आशु वह उधार लिया करते हैं।
अपनों की परछाई से अलग होकर।
परायो पर भरोसा करते हैं।
किस्मत के भरोसे जीने वाले।
हमेशा गलत फैसले लिया करते हैं।
दिल और दिमाग को छोड़कर जो।
किस्मत के भरोसे रहते हैं।
वो खुद के ही वेरी रहते हैं।
बात-बात पर फैसले बदलते हैं।
उनको खुद नहीं पता क्या करना है।
इतने विचलित रहते हैं।
मुस्कुराना तो जानते नहीं।
उससे भी खफा खफा रहते हैं।
किस्मत के भरोसे जीने वाले।
अपनों से रुठे रुठे रहते हैं।
तकदीर से टूटे टूटे रहते हैं।
किस्मत के भरोसे जो जिया करते हैं।
गम और आशु उधार लिया करते
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