एहसान ।'s image
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इतना एहसान करो ना ए जिंदगी के हम उतारना पाए।

घर की एक एक ईट बेच कर भी हम मुस्कुरा ना पाए।

पैसों की इस दुनिया में।

हम बिना कमाए रह ना पाए।

ए जिंदगी हम मुस्कुराए तो मुस्कुराए कैसे।

वक्त कि इस मार ने अंधा कर दिया।

बोझ के तले एक दबा दिया।

इतना आसान न करो ए जिंदगी के हम उतारना पाए।

घर की एक एक ईट बेच कर भी मुस्कुरा ना पाए।

लिफाफे में

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