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मेरी रातों में बैचेनी के सिवा कुछ नहीं
मेरे दिन में भी अंधेरों के सिवा कुछ नहीं
तुम आओगे दिल में कुछ ख्वाब लेकर
मेरे पास टूटे दिल के सिवा कुछ नहीं
Wrriten By
Shaikh Shezad
मेरे दिन में भी अंधेरों के सिवा कुछ नहीं
तुम आओगे दिल में कुछ ख्वाब लेकर
मेरे पास टूटे दिल के सिवा कुछ नहीं
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Shaikh Shezad
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