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दुआ करो इस तरह इश्क में न पड़े होते
मोबाइल उनका बिल हम चुका रहे होते
फरमाइश होती दल बल सहेलियां होती
ड्राइवर बनते माल सिनेमा घूमा रहे होते
हम रोना कहाँ रोते वे खिलखिला जाते
आंसू हमारे वे सावन की फुहार सा लेते
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