
Share0 Bookmarks 46 Reads0 Likes
डर लगता है यहां जब कोई पांव छूने झुके
जमीन सरक सकती है जब कोई पांव छुए
जिन कदमो में झुका जमीन खिसक गयी
विश्वगुरु का कद बढ़ा वह तबसे बढ़ते गए
राजनीति में अंगुली पकड़कर प्रवेश किया
गुरुचरण मे झुके तब गुरु जमीन ढूंढते रहे
राजधर्म को ललकारा दिल्ली ने हाथ थामा
झुके जिन कदमो में राजनीति से विदा हुए
अध्यक्ष ने हाथ दिया वह सरकार बना बैठे
आज वे राजनीति में अपनी जमीन ढूंढ रहे
संसद हांफने लगी संविधान सांसे ढूंढ रहा
सदन की सीढी चढे वे सीढियां चूमते चढ़े
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments