कोई पांव छूने झुके's image
Poetry1 min read

कोई पांव छूने झुके

suresh kumar guptasuresh kumar gupta March 13, 2023
Share0 Bookmarks 50425 Reads0 Likes
डर लगता है यहां जब कोई पांव छूने झुके
जमीन सरक सकती है जब कोई पांव छुए

जिन कदमो में झुका जमीन खिसक गयी
विश्वगुरु का कद बढ़ा वह तबसे बढ़ते गए

राजनीति में अंगुली पकड़कर प्रवेश किया
गुरुचरण मे झुके तब गुरु जमीन ढूंढते रहे

<

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts