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कोई पांव छूने झुके

suresh kumar guptasuresh kumar gupta March 13, 2023
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डर लगता है यहां जब कोई पांव छूने झुके
जमीन सरक सकती है जब कोई पांव छुए

जिन कदमो में झुका जमीन खिसक गयी
विश्वगुरु का कद बढ़ा वह तबसे बढ़ते गए

राजनीति में अंगुली पकड़कर प्रवेश किया
गुरुचरण मे झुके तब गुरु जमीन ढूंढते रहे

राजधर्म को ललकारा दिल्ली ने हाथ थामा
झुके जिन कदमो में राजनीति से विदा हुए

अध्यक्ष ने हाथ दिया वह सरकार बना बैठे
आज वे राजनीति में अपनी जमीन ढूंढ रहे

संसद हांफने लगी संविधान सांसे ढूंढ रहा
सदन की सीढी चढे वे सीढियां चूमते चढ़े

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