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इस प्रेम गली में

suresh kumar guptasuresh kumar gupta March 8, 2023
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इच्छा जाहिर की तो इच्छामृत्यु का वरदान मिला
आपका राजनीतिक सन्यास इच्छाअनुरूप हुआ

जिस जगह आप खड़े थे वहां अंपायर आउट हुए
मेहनत रंग लाती कद से विकेट खतरे में पड़ गया

वे पचहतर में राज करें आप बेवक्त मंडल मे गए
कद बड़ा होने की लालसा में उन्हें छोटा बता गए

जंगल मे दो शेर नही म्यान में दो तलवार कैसे रहे
क्या इस मनोदशा में राजनीति से सन्यास ले गए

विश्व की सबसे बड़ी पार्टी क्या इतनी संकड़ी थी
इस प्रेम गली में अढ़ाई से ज़्यादा की जगह न थी

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