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गरीब को नींद नसीब नही होती

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 12, 2023
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मेरा एक सपना होगा देश मेरा अपना होगा
न काला धन  होगा भ्रष्टाचार बच न सकेगा
सारे नोट नए नए होंगे काले वाले नही होंगे
साइज़ छोटा कद बड़ा चूरन वाला रंग होगा

लाल आंख दिखाएंगे आंख कौन उठाएगा
खाने पीने नही दूंगा घर घर शौचालय होगा
गरीब हवाई चप्पल पहनकर सफर करेगा
चारो ओर सड़क ही सड़क का जाल होगा

सबका अपना घर होगा घर में नल होगा
नल में जल होगा घर में पानी भर जाएगा
खेलेंगे भीगेंगे बाल्टी भर भर बाहर डालेंगे
क्या हसीन नजारा है हम खुशियां मनाएंगे

मम्मी चिल्लायी नींद उडी यह खलल हुआ
धरातल पर आया सपना सारा हवा हुआ 
बाल्टी उठा तू पानी की लाइन में लग जा
पानी नही घर मे जल्दी बाल्टी भर ले आ

आज बुलडोज़र आएगा वो बस्ती गिराएगा
गरीबी अभिशाप होती है वो बेघर बनाएगा
पेट भरने को दानेदाने को मोहताज़ होता है 
गरीब सपना देख लेगा तो यह पाप होता है 

कल चौराहे पर नेताजी का भाषण सुना था
आंख क्या लगी सपने में वही दिख गया था
दुनिया मे गरीब को नींद नसीब कहां होती
नींद आती है उसका हश्र और बुरा होता है

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