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धर्म प्रेम की भाषा

suresh kumar guptasuresh kumar gupta March 12, 2023
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हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई 
किसी मे फर्क न कर पाया
उठता बैठता सब के साथ
जैसा मुझे धर्म ने सिखाया

दिल से दिल मे जगह बना 
जो मिला आत्मसात किया
मन से हिन्दू मैं तन से हिन्दू 
हिंदुत्व मेरे रोम रोम में बसा

मंदिर जाता मैं देरासर गया
गुरुद्वारा मजार में हो आया

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