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यह घर चौबारा यह आशियाना छोड चले
जहां जन्मे पले बढे आजीविका चला रहे
इज ऑफ बिजनेस में बिज़नेस छोड़ चले
ठौर छोड़ चले आओ अब घर छोड़ चले
सरकार बेघर को घर दे हम घर छोड़ चले
टैक्स क़ा बोझ बढ़ता जीवन दूभर हो रहा
शकुन की तलाश जीविका की तलाश में
मुल्क छोड़ चले आओ अब घर छोड़ चले
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