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अनिर्वचनीय आनंद पाते

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 3, 2023
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मेरी कहानी सुन पाओगे दर्द महसूस करोगे
नन्ही बच्ची बिलखी भीड़ की आंखे नम हुई
 
दर्द रोने हम कहां जाते खैरख्वाह बन आये
इंतजार किया कोई दर्द सुने दो आंसू बहाए
 
अत्याचार मज़बूरी के शिकार जो हो जाते
बैठते करीब दास्तान सुनके शकुन दे जाते
 
कठिन

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