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अभी कल की बात है

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 10, 2023
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जोड़ियां स्वर्ग में बनती,मेल है तो कुछ बेमेल
खुशनसीब वो जोडियां जिनमे होता मनमेल।
था इंतेज़ार तुम्हारा तुम थी कहीं तारो के पार
अंतराल चार दशकों का जैसे है कल की बात।
 
कई पड़ाव पार कर गए है एक यात्रा अनवरत
थी कहीं खुशी राह में था कहीं गमो के राज।
मिला साथ तुम्हारा हर गम था हसीन ख्वाब।
जब मिले थे लगता है अभी कल की है बात।
 
बोया जो पौधा सींचा था प्यार और संस्कार
आज विशाल वृक्ष दे रहा स्वर्ग का अहसास।
हर लम्हे को हमने खुलकर ऐसे जिया है यहां
जब मिले थे लगता है अभी कल की बात है।
 
पीछे छोड़ आए बीते पलो की खट्टीमीठी याद
देखा स्वर्ग यही प्यार की सरिता बहते देखा।
बीता हर पल लगे सुख के दिन छोटे होते है
जब मिले थे लगता है,अभी कल की बात है।
 
सालो का सुखद सफर और यह अहसास है
कल ख्वाब सजाये थे वो आज हकीकत है।
समय ऐसे उड़ता जाता है पंख लगाकर यहां
जब मिले थे लगता है अभी कल की बात है।

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