
छात्र सड़क पर आंदोलनरत है,
रातों की नींद, चैन गायब है|
क्या सरकार सो रही है ?
क्या लोकतंत्र की यही निशानी है?
कब दूर होगी बेकारी ?
ओ! मेरी बेआबरू बेरोजगारी|
सरकार के संरक्षण में,
कोचिंग माफिया मजे में|
सियासत के इस अंदाज से
होता तरूणों के साथ अत्याचार,
दर-दर भटकते, तलाशते रोजगार|
कब दूर होगी बेकारी ?
ओ! मेरी बेआबरू बेरोजगारी|
भर्तियों में होते घोटाले,
पड़ गये मेहनतरुपी फल के लाले|
युवा अवाक् देखता नेताओं के
ये अजब- गजब खेल निराले|
कब दूर होगी बेकारी ?
ओ! मेरी बेआबरू बेरोजगारी|
सरकार के कानों में जूं तक नही रेंगती,
विपक्ष इन्हें बेमतलब के मुद्दे समझती|
क्योंकि फिर उन्हें भी सरकार में आना है,
और वही दोगलापन दिखाना है|
मिडिया को टीआरपी से मतलब,
कौन समझे यह पीड़ा अब?
देश का भविष्य सड़कों पर,
है यह बात बड़ी गौरतलब|
कब दूर होगी बेकारी?
ओ! मेरी बेआबरू बेरोजगारी|
कब तक हिंदु- मुस्लिम शोर रहेगा?
देश कब विकास की बात करेगा?
कब बजट में शिक्षा पर जोर रहेगा?
कब तक युवा यूं ही बेरोजगार रहेगा?
ओ! मेरी बेआबरू बेरोजगारी|
अब तो दिखा तू कुछ समझदारी|
#Shrii_writes
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