
Share0 Bookmarks 60 Reads0 Likes
दिल की आग आंखों में लिए फिरता हूँ,
मैं वो दरिया हूँ जो समंदर लिए फिरता हूँ।
इन हवाओं में नहीं साँसे चलाने का दम,
अरसे से जिगर में तूफान लिए फिरता हूँ।
जाने वाले जो कभी थे ही नही मेरे,
उन्ही के आने का इंतिजार लिए फिरता हूँ।
उसके होने क
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments