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ये जिंदगी भी कैसी अजब पहेली है,
इसकी भी अपनी कहानी है!
आज क्यों फंसा हूँ मैं इस भवर में,
ये पहेली ही तो सुलझानी है।
क्यों खेल रही है तू मुझसे,
क्या तेरी सिर्फ यही कहानी है।
बेनक़ाब कर दूंगा तेरे इस राज को,
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