एक रोज उठूंगा और रात लिखूंगा,
ना पूछो तुम क्या बात लिखूंगा।।
तुम पढ़ना बस वो राज़ लिखूंगा,
तुम गाओ जिसे वो राग लिखूंगा।।
तुम सुनो जिसे वो आवाज़ लिखूंगा,
तुम आओ ऐसे परवाज़ लिखूंगा।।
तुम बस जाओ मुझमें ऐसे ख़्वाब लिखूंगा,
तुम ठह
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