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बाबा के घर आंगन में
तुलसी समान खिलती हैं बेटियां
घर आंगन में नन्हीं चिड़ियां समान होती हैं बेटियां
जो अपने पिता के अरमान की डालियों पर बैठती हैं
ईश्वर द्वार लिखे गए कहानी की
कई किरदार होती हैं बेटियां....
बेटियां प्रेम स्नेह बटोरने वाली
अपने परिवार की संपदा होती हैं ...
© शिल्पा शैली ( स्वरचित पंक्तियां)
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