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नाखून पशुता की निशानी है
हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के अनुसार
हर इंसान के अंदर पशुता है और
जब इंसान के अंदर की पशुता
बढ़ जाती है तो उनके नाखून बढ़ जाते हैं!
उनके कथन को मद्देनजर रखते हुए देखा जाए तो
मुझमे अभी भी इंसानियत जिंदा है
क्योंकि मेरे नाखून बढ़ने में हफ्ते तो लगते ही हैं,
तो बचा है न अभी भी मुझमें इंसानियत ।
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