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मेरा किरदार मेरी शख्सियत से मिलती ही नही,
मेरी सीरत किसी को दिखती ही नही,
खूबियों को मेरी नजरअंदाज करते हैं,
मेरी कभी नही वो परवाह करते हैं,
ना-उम्मीदी सी बनती जा रही है
जिंदगी यूंही कटती जा रही है
हर घड़ी जैसे घटती जा रही है ।
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