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मुझको ना अब पुकारो बज़्म में
मयखाने में हूं मुझे नशे में रहने दो
पैमाना तुमने मुझको बना लिया
अब कुछ शराब तो इसमें रहने दो
तेरे लिए मेंने सब कुछ छोड़ दिया
चंद लम्हें अपनी बाहों में रहने दो
घर में अब कुछ नहीं यादों के सिवा
इसलिए मुझे अब सफर में रहने दो
इश्क़ प्यार इकरार सब धोका है
मुझको बस अपने इनकार में रहने दो
मुझको चाहत नहीं तुझको पाने की
जरा मुझे इस झूठ के साथ रहने दो
तुम रह ना सकोगे जिंदा अब मेरे बिना
मुझको इस ख्याव के साथ ही रहने दो
मुझको ना अब पुकारो बज़्म में
मयखाने में हूं मुझे नशे में रहने दो
शैलेंद्र शुक्ला " हलदौना"
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