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यूं झुंझलाता हूं शायद खुद से लड़ जाता हूं
अंतर्द्वंद्व निरंतर चलता रहता है हरदम भीतर
जब खुदको खुद से स्वीकार नहीं पाता हूं !!
जो सीखा था अपने बुजुर्गों इतने वर्षों में
जब लगता उसमें सबकुछ सही नही है
तो भीतर की बगावत को रोक नहीं पाता हूं
यूं झुंझलाता हूं शायद खुद से लड़ जाता हूं!!
हमेशा खुदको दूसरों से अलग दिखाना
प्रतियोगिता में स्वंयम को शामिल कर लेना
मनुष्यता को हमेशा श्रेष्ठ बनाने की खातिर
अपनों का अपना प्रतिद्वंदी होने से रोक नही पाता हूं
यूं झुंझलाता हूं शायद खुद से लड़ जाता हूं!!
कुछ नया बनाने और पिछला भी सम्हालने में
निरंतर विकास के लिए अपना ही सुधारने में
जब कल आज में समाजस्य बिठा नही पाता हूं
यूं झुंझलाता हूं शायद खुद से लड़ जाता हूं!!
शैलेंद्र शुक्ला "हलदौना"
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