
Share0 Bookmarks 179 Reads1 Likes
तू और तेरा वक्त कब गुजर जाते हैं
मुझे अब तक समझ नही आते हैं
जितनी कोशिश करता तुझे समझने की
इश्क के फंदे उतने ही कसते जाते हैं !!
जब तू बात करती है मुझसे बिछड़ने की
हम उतने ही तेरे करीब आते जाते हैं !!
डूबने से मुझको लगता था डर कभी
अब तेरी मुहोब्बत में डूबे रहना चाहते हैं !!
मौत की फिक्र मुझे अब बिल्कुल नही
हम तो हर रात तुझसे कत्ल होते हैं !!
शैलेंद्र शुक्ला"हलदौना"
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments