प्यार's image
Share0 Bookmarks 49736 Reads2 Likes

चांदनी रात में मैंने,

प्यार का इज़हार किया,

उत्सुक होकर उसने पूछा–

कैसा होता है प्यार?


मैं ख़ामोश था, शब्दहीन!

कैसे कर पाता व्यक्त,

प्रेम के स्वरूप को!

वो तो अनुभव में है,

शब्दों में कैसे समेट पाता!!


मेरी जीभ के सीमित चाल,

कैसे व्यक्त कर पाते,

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts