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नारी सारा संसार है

Shashank ManiShashank Mani September 29, 2021
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नारी! सुनो परदा हया व ड्योढ़ी का न गिराओ

तन को चमकाने में पानी, कुल, धरा, परिवार का न बहाओ।।

तुमसे है संसार वैभव, स्वर्ग, जीवन और नरक

पड़कर फैशन में वसन, निज रूप व माँग का मत हटाओ।।

 

तेरे नजरों में सुशोभित, प्रीत का उपवन ललित

ज्यों प्रवाहित हो रहा, सागर में सरिता का सलिल।।

ज्यों सितारे मिलके सारे, नभ, गगन, अम्बर सजाएँ

शील, ममता, नेह,उन्नति, हर घड़ी प्रति-पल बसाओ ।।

 

उर के अपने-पन से कलियों के सुकोमल दल हँसा दो

अधरों की मुस्कान से, नीरज, जलज, पंकज खिला दो ।।

अपनी तरुणा

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