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मुझे तो मालूम है
इस मुस्कान का मतलब क्या है
तुम्हारी चुप्पी के पीछे कहानी क्या है
ये शरारत भरी नजर
अक्सर पूछती है मुझसे
बात क्यों बताई नहीं कभी
जो आंखों की मासूमियत के पीछे छिपा है
जुबां पर आते आते रुक सा जाता है
होठों पर खिलती हंसी की लकीरों के कोनों से
झांकता है हरदम,
जिसे रोकने की
नाकाम कोशिश में उलझते हुए
न जाने कब सवाल में ही जवाब ढूंढ लिया
सामने आने पर बढ़ती धड़कनों को
संभालने की कोशिश भी न की
खामोशी तो रहती है हमेशा
पर फिर भी बात होती है
आंखों के इशारों से जान लेते है
दिल की गहराइयों में छुपे राज
चमक क्यों आती है तुम्हें देख इन आंखों में
ये तो मुझे मालूम है लेकिन
चेहरा तुम्हारा क्यों खिल जाता है
इसकी खबर भी रखते है
हां मुझे मालूम है
इस मुस्कान का मतलब क्या है
तुम्हारी चुप्पी के पीछे कहानी क्या है
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