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मुझे तो मालूम है
इस मुस्कान का मतलब क्या है
तुम्हारी चुप्पी के पीछे कहानी क्या है
ये शरारत भरी नजर
अक्सर पूछती है मुझसे
बात क्यों बताई नहीं कभी
जो आंखों की मासूमियत के पीछे छिपा है
जुबां पर आते आते रुक सा जाता है
होठों पर खिलती हंसी की लकीरों के कोनों से
झांकता है हरदम,
जिसे रोकने की
नाकाम कोशिश में उलझते हुए
न जाने कब सवाल में ही जवाब ढूंढ लिया
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