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विशाल गगन मेरे लोचन,श्याम घन आंसू है।
दिवस प्रकाश मेरा हास्य,रात्रि तम रूदन है।।
द्रुम पल्लव
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विशाल गगन मेरे लोचन,श्याम घन आंसू है।
दिवस प्रकाश मेरा हास्य,रात्रि तम रूदन है।।
द्रुम पल्लव
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