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ये लम्हा काश यूँ ही रहे,
वक़्त यहीं रुके,ये रात यूँ ही रहे..
रुको ज़रा,मैं आंखों के ज़रिए ये चहरा दिल मे बसा लूं,
कहते रहो कुछ,के ये आवाज़ दिल मे बसा लूं..
तुम दूर भी रहो चाहे फिर,मुझ में ही रहोगे
ये वक़्त चाहे न रहे ये रात यूँ ही रहे,चेहरा दिल में रहे ये आवाज़ मुझ में रहे।
ये मेरी कही...मैंने।अब तुम सुनो....
ये मेरी कही.. मैंने।अब तुम सुनो.......
अपने हाथों में मेरा हाथ संभालना,
ये उम्र बीत जाएगी...पर ये जज़्बात सम्भालना।
मेरी नज़
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