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आये थे तेरे शहर-ए-अन्जान एक मुसाफ़िर की तरह..
तेरे शहर ने मुझे प्यार दिया अपनो की तरह..
जब भी याद आयी माँ,
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आये थे तेरे शहर-ए-अन्जान एक मुसाफ़िर की तरह..
तेरे शहर ने मुझे प्यार दिया अपनो की तरह..
जब भी याद आयी माँ,
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