
“ करवट ”
सिसकियों में गुजरती है,चीखों में उतरती है,
तन्हाई में जब होती हैं, तो सिहरनो में होती हैं.......
दर्द का एहसास लिए,गहराईयों में उतर आती है,
ये बेटियाँ है, जो आज खामोश नजर आती है ......
गर सामने न हो तो हर पल उन्हें नजरे ढूंढ़ आती हैं,
सूरज ढले न पहूंचे तो, माँ की सांसें ठहर जाती हैं........
अनजानी आहट भी हो,डर उनमें पैदा कर जाती हैं,
ये बेटियाँ है, जो आज घबराई सी नजर आती है .............
थोडा साहस तो दो इन्हें , थोडा हिम्मत तो भरो इनमे,
ये जुल्मों-सितम की हर दीवार को यूं ही पार कर जायेंगी........
सितारों से आगे अपनी अलग ही जगह वो बनायेंगी,
सफलता के शिखर पर पहुँच मुस्कुराती नज़ आएँगी ............
कदम पीछे नहीं लेना, बनाये रखना है अपना स्वाभिमान
खुद पर विश्वास करके, भरना है कामयाबी की अब नई उड़ान........
इनके भी तो अरमान है, आँखों में उम्मीदों का आसमान है,
राह कठिन हैं, मगर बनानी उन्हें अलग अपनी पहचान है.....
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