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पथरा गई है आँखे मेरी आँसू भी अब सुख गए है,
तेरी यादों के कुछ अफ़साने वो भी अब पीछे छुट गए है |
भीड़ का शोर है चारो ओर फिर भी तन्हाई का आलम है,
दिन के उजालों में भी क्यों रात सी उदासी छाई है|
खो गए है सब सपने मेरे,अरमान बने अब बासिन्दा,
दिल की बातें दिल ही जाने, ख्वाब नहीं अब कोई जिन्दा |
दिल उजड़ा हुआ सराय बना हुआ है,
नहीं ठहरता अब कोई यहाँ जिन्दादिल परिंदा |
चाँद-तारों ने भी साथ छोड़ा,रात बीन सपने हुई विरानी ,
किस-किस की बात कहू सब बात अब हुई पुरानी |
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