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ना जिस दिन बात हो उससे बहुत बेहाल रहती है
बहुत कमसिन बड़ी नादान है, गुस्से में लाल रहती है
मेरे हाथों की रेखाएं बनाई रब ने कुछ ऐसी
कि मैं बैंगलोर रहता हूं, वो नैनीताल रहती है ।
शाद गाज़ी
बहुत कमसिन बड़ी नादान है, गुस्से में लाल रहती है
मेरे हाथों की रेखाएं बनाई रब ने कुछ ऐसी
कि मैं बैंगलोर रहता हूं, वो नैनीताल रहती है ।
शाद गाज़ी
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