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उड़ते हुए परिंदे की।।

seema392soodseema392sood February 22, 2023
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उड़ते हुए परिंदे की,
उड़ान नाप लेना,
उड़ता जाए दूर आकाश,
अपनी आंखों से उसकी,
पहचान नाप लेना,
दूर गगन पर,
उसका बसेरा रहता है,
ईश्वर के घर में,
उसका डेरा रहता है,
हो सके तो उसकी,
उड़ान पर ना उंगली उठाना,
खुद पर यकीन कर,
तुम भी एक आस का दीपक,
अपने मन मंदिर में जलाना।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
सतनाम नगर दोराहा
जिला लुधियाना।।

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