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गुजरा हर लम्हा,
मेरी तकदीर बन गया,
सोचते सोचते ही वो,
अनकही तस्वीर बन गया,
खो गया वह लम्हा,
वक्त की परेशानियां में,
देखते ही देखते मैं,
उस परछाई से डर गया,
वक्त बे वक्त हालातों ने घेरा,
आंधियों भरे तूफान से,
मेरा वजूद थम गया।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
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