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दुनिया की बात सुनकर चलोगे तो कभी आगे नहीं बढ़ पाओगे,
सुनो हमेशा अपना दिल की बात।
मन भटकता रहता है कुत्तों की तरह-
उसका कोई घर नहीं है, ना है ठिकाना-
लेकिन दिल का ठिकाना है अपनी अनुभूति,
जो सच है सूरज की तरह।
अपनी अनुभूति को महसूस करो-
मन महसूस करना
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