Share0 Bookmarks 48945 Reads0 Likes
एक दृश्य देखा है मैने आज सवेरे
लड़की निकली वो साइकिल पर डोले
मन मुस्कान चलत खिलकान
नजरे उसकी इधर उधर डोले
आभा मुख की उसकी ऐसी
की देख हर मन प्रसन्न चित्त होले
सहसा आया इक बालक नादान
साइकिल के पहियों संग अब
उस नादान की मोटर के पहिए डोले
लगा मुझे वो भरे है मन में अपार प्यार
इसी लिए वो लगा मुझे बालक नादान
कहा क्या उस नादान ने हू मै अनजान
मैं था बड़ा दूर खड़ा ना पाया क
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments