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बादलों की गड़गड़ाहट समझ मे आता है क्या,
कहना है क्या चाहता वो, समझ मे आता है क्या,
उसके बोलने के पहले, चमकती है बिजलियाँ,
बिजलियों का क्यूँ चमकना, किसी को भाता है क्या।.
चमकती हुई बिजलियाँ, लाती है कुछ संदेश,
"हे धरा के वासियों, वृष्टि के अभिल
कहना है क्या चाहता वो, समझ मे आता है क्या,
उसके बोलने के पहले, चमकती है बिजलियाँ,
बिजलियों का क्यूँ चमकना, किसी को भाता है क्या।.
चमकती हुई बिजलियाँ, लाती है कुछ संदेश,
"हे धरा के वासियों, वृष्टि के अभिल
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