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आंखों में बन्द खुवाव किसने देखें है दिल के अज़ीज़ राज़ किसने देखें है,कहां से शुरू हुआ कहां पर खत्म होगा जिन्दगी का सफर हर रोज आकर जगा देती हैं मुझे सूरज की वो पहली किरण चलता ही जा रहा हूं थका नहीं अभी सफर जिन्दगी का,कल मिला था मैं अपने बचपन से स्कूल के बैंच की वो ट
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