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हम-तुम और ज़माना

SANTOSH KUMAR MISHRASANTOSH KUMAR MISHRA June 15, 2022
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लगी है आग अगर दिलों में कहीं ,
तो देखना, जल्दी ही शहर 'जलने' लगेगा।
हम-तुम मानें या न मानें,
किस्सा ये हर तरफ चलने लगेगा।

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