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मैं यहां भी गुजरती हूँ
मैं वहां भी गुजरती हूँ
फर्क बस इतना सा है,
अमीर मुझे ऐश मे गुजारता है
गरीब मुझे तैश मे गुजारता है..
क्या है ज़िन्दगी. ??
सुबह सुबह उठना,काम पर जाना
दिनभर की आपा धापी के बाद,
शाम होते होते तंग हो जाना..
क
मैं वहां भी गुजरती हूँ
फर्क बस इतना सा है,
अमीर मुझे ऐश मे गुजारता है
गरीब मुझे तैश मे गुजारता है..
क्या है ज़िन्दगी. ??
सुबह सुबह उठना,काम पर जाना
दिनभर की आपा धापी के बाद,
शाम होते होते तंग हो जाना..
क
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