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अविरत, अनमोल हैं आप

सम्रिता®सम्रिता® May 23, 2022
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अविरत हलचल हैं आप।
सागर की गहराई से उभर कर,
आसमान छूने का जज़्बा हैं आप।

अविरत ज़िन्दगी जीने की कला हैं आप।
हर आँधी-तूफ़ान से लड़ती, 
ना झुकती, ना टूटती चट्टान हैं आप।

अविरत कुछ सीखने

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