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अविरत हलचल हैं आप।
सागर की गहराई से उभर कर,
आसमान छूने का जज़्बा हैं आप।
अविरत ज़िन्दगी जीने की कला हैं आप।
हर आँधी-तूफ़ान से लड़ती,
ना झुकती, ना टूटती चट्टान हैं आप।
अविरत कुछ सीखने की उमंग हैं आप।
जल की भांति हर रंग और रूप में,
ढलने की अतुलनीय क्षमता हैं आप।
अविरत एक आदर्श मिसाल हैं आप।
अनुभव के तेज से चमकती मूरत आपकी।
अमिताभ जी भारत का गौरव, अनमोल हैं आप।
~सम्रिता©
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