
Share0 Bookmarks 18 Reads0 Likes
हम्म वो एक दौर था,चिट्ठियों वाला। काफ़ी ख़ूबसूरत दौर था वो।आज के ज़माने में हम सिर्फ़ व्हाट्सएप facebook ,इंस्टाग्राम और ऐसी ही न जाने कितनी social messaging app के बारे मे जानते हैं लेकिन क्या ये सब सच मे उस वक्त की चिट्ठी से ज़्यादा ख़ूबसूरत हैं?,
बेशक़ नही हैं इस बात से तो आप सब को सहमत होना ही पड़ेगा।
पहले के टाइम में चिट्ठी को देखकर ही समझ लिया जाता था कि अंदर क्या लिखा हैं, मतलब ये कि अगर उसका एक कोना फटा हुआ हैं तो इसका मतलब हैं कि घर मे किसी का इन्तेकाल हुआ हैं।या कोई और बुरी ख़बर हैं।
अगर किसी चिट्ठी में लिखा हैं कि ख़त को तार समझना,तो इसका मतलब हैं कि अर्जेन्ट हैं घर वापिस आओ जल्दी से जल्दी।
कुछ लोग ये भी लिखते थे कि थोड़े लिखे को ज़्यादा समझना,बाकी आप ख़ुद समझदार हैं।
सही कहा हैं किसी ने Post office,postman आज के ज़माने में भी हैं बस अब कोई किसी को चिट्ठी नही लिखता।
चिठी महज़ चिट्ठी नही होती हैं, उसमे अल्फ़ाज़ से ज़्यादा जज़्बात होते हैं।उसमे बिल्कुल भी बनावट नही होती हैं। अगर आपको आज के इस डिजिटल दौर में भी बड़ा सा text या कोई चिट्ठी भेजता हैं तो इसका मतलब साफ हैं कि आप उस शख़्स के लिए बहुत ख़ास हैं।
बहुत ख़ूबसूरत होगा वो दौर जब डाकिया फिर से चिट्ठी देने आया करेगा। पता नही वो सब फ़िर से कभी होगा भी या नही।आज के इस दौर में ये बिल्कुल सच ही कहा हैं किसी ने कि आप chatting को delete करने में ज़रा सा भी दर्द महसूस नही करेंगे जितना कि अगर किसी चिट्ठी को मज़बूरन कभी जलाओ तो वो बेतहाशा दर्द देता हैं।
फ़िल्मी दुनिया में चिट्ठी की खूबसूरती महसूस की जाती हैं और शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जिसने ये गाना न सुना हो-
चिट्ठी न कोई सन्देश, जाने वो कौन सा देश,
कहाँ तुम चले गए।
और एक और गाना भी हैं-
चिट्ठी आयी हैं, आयी हैं, चिट्ठी आयी हैं,
बड़े दिनों के बाद चिट्ठी आयी हैं।
फिल्मी दुनिया मे ऐसे न जाने कितने गाने हैं जो ख़त की खूबसूरती ज़ाहिर करतें हैं।वैसे ये दोनों गाने मेरे पसंदीदा गानों में से एक हैं।बात जब मेरी पसंद की आ ही गयी हैं तो थोड़ा सा कुछ और शेयर करना चाहती हूँ मैं। पिछले दिनों मैंने 2 ख़त पढ़ें। पूरी तरह से ख़त भी नही थे,और ख़त से कुछ कम भी नही थे। दोनों ख़त में मुझे 2 खूबसूरत बातें आज भी याद हैं।
पता नही वो किसने औऱ किसे लिखी थी,मग़र मुझे याद हैं वो बात आज भी। पहले ख़त में लिखा था कि जब कोई किसी से बेहद प्यार करता हैं, तो उस प्यार के साथ साथ एक रेखा और चलती हैं,- शक़ की रेखा,और वो कभी कभी अचानक से बड़ी हो जाती हैं, और हम जिसे प्यार करे,उसे किसी और के साथ देखकर,वो शक़ की रेखा हमे बेहद तक़लीफ़ देती हैं।
और दूसरी बात ये थी कि मेरी जिंदगी में तुम्हारा आना और आकर चले जाना मेरी जिंदगी की बेहद खूबसूरत एहसास हैं और मैं तुम्हे और तुम्हारी यादों को कभी भूलना नही चाहता,अपने मरने तक मैं तुम्हे और तुम्हारी यादों को याद रखना चाहता हूँ, औऱ ऊपर लिखा हुआ तुम्हारा आना और जाना सिर्फ़ तुम्हारे लिये आना और जाना हैं, मेरे लिए तो सिर्फ़ आना हैं।
चिठ्ठी या ख़त बेहद खूबसूरत एहसास देते हैं क्योंकि वो झूठ नही कहते। कोई किसी के लिए बैठकर सोच समझकर पूरे दिल से झूठे एहसास नही लिखता,सिर्फ़ और सिर्फ सच्चे एहसास लिखता हैं।
अपने रिश्तों को वक़्त दीजिए,प्यार दीजिए,साथ दीजिए,ज़िंदगी हर किसी को साथ देने औऱ साथ जीने का मौका नही देती।ख़ुश रहिये और और आगे बढ़ते रहिये।कभी कभी ही सही अपने से जो दूर हैं, उन्हें आज एक चिट्ठी ज़रूर लिखिए।रिश्ते की ख़ूबसूरती का एहसास हो जायेगा।
- Salma Malik
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments