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इन हवाओं में आज कुछ नशा सा था
लगा आज ही वो दिन है
जिसका बेसब्री से, मुझे इंतजार सा था।
मुस्कुराहट सी थी आज इस चेहरे में
लगा होने वाला है आज जो कभी हुआ न था।
मन शांत था, न किसी बात का दुख था।
लगा आज हो जायेगी इस दिल की बात पूरी
जिसका बेसब्री से, मुझे इंतजार सा था,
क्युकी इन हवाओं में आज कुछ नशा सा था।
~साक्षी सजवान
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