Share0 Bookmarks 47791 Reads0 Likes
लोग फिर शहर जलाने निकले
और हम आग बुझाने निकले
आप ख़ुद ही तो सच से डरते हैं
आप क्या हम को डराने निकले
मुस्कुरा के गुनाह करते हैं
मेरे क़ातिल भी सयाने निकले
No posts
No posts
No posts
No posts
लोग फिर शहर जलाने निकले
और हम आग बुझाने निकले
आप ख़ुद ही तो सच से डरते हैं
आप क्या हम को डराने निकले
मुस्कुरा के गुनाह करते हैं
मेरे क़ातिल भी सयाने निकले
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments