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मुझसे ही छिपती मेरी परछाई है
ज़िन्दगी किस मोड़ पर ले आई है
ख़्वाब तो सब टूट कर चूरा हुए
चुभ रही बस आँख में सच्चाई है
कौन मेरे साथ आएगा भ
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मुझसे ही छिपती मेरी परछाई है
ज़िन्दगी किस मोड़ पर ले आई है
ख़्वाब तो सब टूट कर चूरा हुए
चुभ रही बस आँख में सच्चाई है
कौन मेरे साथ आएगा भ
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