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जिन्हें सपने दिखाए जा रहे हैं
वो ही अँधे बनाए जा रहे हैं
जिनकी फ़ितरत ही घर जलाना हो
दीये बस वो जलाए जा रहे हैं
जिनसे खाये हैं उम्र भर धोखे
उन्हें ही आज़माये जा रहे हैं
वो जो हँसते थे क़त्ल पर मेरे
अब वो सूली चढ़ाए जा रहे हैं
लोग क़ालीन बने फिरते हैं
ख़ुश हैं जितना दबाये जा रहे हैं
-साहिल
Twitter: @Saahil_77
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