नूर's image
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मेरे अंदर ये नूर सा क्या है 

दिल बुझा है तो फिर जला क्या है 


ईंट के घर हैं, दिल हैं पत्थर के

और इस शहर में नया क्या है 


जो भी ख़ामोशियाँ थी, ख़र्च हुईं 

और कहने को अब रहा क्या है

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