
Share0 Bookmarks 151 Reads0 Likes
मेरे अंदर ये नूर सा क्या है
दिल बुझा है तो फिर जला क्या है
ईंट के घर हैं, दिल हैं पत्थर के
और इस शहर में नया क्या है
जो भी ख़ामोशियाँ थी, ख़र्च हुईं
और कहने को अब रहा क्या है
No posts
No posts
No posts
No posts
मेरे अंदर ये नूर सा क्या है
दिल बुझा है तो फिर जला क्या है
ईंट के घर हैं, दिल हैं पत्थर के
और इस शहर में नया क्या है
जो भी ख़ामोशियाँ थी, ख़र्च हुईं
और कहने को अब रहा क्या है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments